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Showing posts from January, 2021

शिवा नमस्काराथा मंत्र - Shiva Namaskaratha Mantra

शिवा नमस्काराथा मंत्र - Shiva Namaskaratha Mantra ॐ नमो हिरण्यबाहवे हिरण्यवर्णाय हिरण्यरूपाय हिरण्यपतए अंबिका पतए उमा पतए पशूपतए नमो नमः ईशान सर्वविद्यानाम् ईश्वर सर्व भूतानाम् ब्रह्मादीपते ब्रह्मनोदिपते ब्रह्मा शिवो अस्तु सदा शिवोहम तत्पुरुषाय विद्महे वागविशुद्धाय धिमहे तन्नो शिव प्रचोदयात् महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धिमहे तन्नों शिव प्रचोदयात् नमस्ते अस्तु भगवान विश्वेश्वराय महादेवाय त्र्यंबकाय त्रिपुरान्तकाय त्रिकाग्नी कालाय कालाग्नी रुद्राय नीलकंठाय मृत्युंजयाय सर्वेश्वराय सदशिवाय श्रीमान महादेवाय नमः श्रीमान महादेवाय नमः शांति शांति शांति

What is "Prānāyāma"?

Tasmin sati svasaprasvasayor-gativicchedah pranayamah—“Regulation of breath or the control of Prana is the stoppage of inhalation and exhalation, which follows after securing that steadiness of posture or seat.” This is the definition of Pranayama in the Yoga-sutras of Patanjali. ‘Svasa’ means inspiratory breath. ‘Prasvasa’ means expiratory breath. You can take up the practice of Pranayama after you have gained steadiness in your Asana (seat). If you can sit for 3 hour in one Asana, continuously at one stretch, you have gained mastery over the Asana. If you are able to sit from half to one hour even, you can take up the practice of Pranayama. You can hardly make any spiritual progress without the practice of Pranayama. Prana is Vyashti, when the individual is concerned. The sum total of the cosmic energy or cosmic Prana is Hiranyagarbha who is known as the floating ‘Golden-Egg’. Hiranyagarbha is Samashti Prana. One match stick is Vyashti (single). The whole match box is Samashti. A sin...

वेद क्या है?

वेद क्या है? विश्व सनातन धर्म में आपका हार्दिक स्वागत। तो बंधु आज मैं आपको संक्षेप में बताता हूं वेद वास्तविक रूप से है क्या। वेद शब्द की उत्पति संस्कृत भाषा की विद् धातु से हुई है। विद् का तात्पर्य होता है जानना अर्थात ज्ञान। वेद हिंदू धर्म के प्राचीन पवित्र ग्रंथ माने जाते हैं। मान्यतानुसार प्राचीन समय में भगवान ने ऋषियों को अप्रत्यक्ष(समाधी में) रूप से वेद मंत्र सुनाये थे। इसी कारण वेदों को श्रुति भी कहा गया है। वेद भारतीय संस्कृति के वे ग्रन्थ हैं, जिनमे ज्योतिष, गणित, विज्ञान, धर्म, औषधि, प्रकृति, खगोल शास्त्र आदि लगभग सभी विषयों से सम्बंधित ज्ञान का भंडार भरा पड़ा है । वेद हमारी भारतीय संस्कृति की रीढ़ हैं । इनमे अनिष्ट से सम्बंधित उपाय तथा जो इच्छा हो उसके अनुसार उसे प्राप्त करने के उपाय संग्रहीत हैं ।  वेदों को अनन्त भी कहा गया है:- श्रुति भगवति बतलाती हैं ‘ अनन्ता वै वेदा: ’ अर्थात जो अनंत हैं वही वेद हैं। वेद का अर्थ है ज्ञान और ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती वह अनंत होता है इसलिये वेद भी अनंत हैं।

हिंदी भाषा में मिश्रित अपभ्रंश।

हिन्दी बोलने का प्रयास करें ....✍️✍️ ये वो उर्दू के शब्द जो आप प्रतिदिन प्रयोग करते हैं, इन शब्दों को त्याग कर मातृभाषा का प्रयोग करें...!!       उर्दू             हिंदी 01 ईमानदार - निष्ठावान 02 इंतजार - प्रतीक्षा 03 इत्तेफाक - संयोग 04 सिर्फ - केवल, मात्र 05 शहीद - बलिदान 06 यकीन - विश्वास, भरोसा 07 इस्तकबाल - स्वागत 08 इस्तेमाल - उपयोग, प्रयोग 09 किताब - पुस्तक 10 मुल्क - देश 11 कर्ज़ - ऋण 12 तारीफ़ - प्रशंसा 13 तारीख - दिनांक, तिथि 14 इल्ज़ाम - आरोप 15 गुनाह - अपराध 16 शुक्रीया - धन्यवाद, आभार 17 सलाम - नमस्कार, प्रणाम 18 मशहूर - प्रसिद्ध 19 अगर - यदि 20 ऐतराज़ - आपत्ति 21 सियासत - राजनीति 22 इंतकाम - प्रतिशोध 23 इज्ज़त - मान, प्रतिष्ठा 24 इलाका - क्षेत्र 25 एहसान - आभार, उपकार 26 अहसानफरामोश - कृतघ्न 27 मसला ...