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प्राचीन विश्व के महाद्वीप, जम्बूद्वीप और भारतवर्ष की अद्भुत जानकारी।


सनातन धर्म पहले संपूर्ण धरती पर व्याप्त था।
इस लेख के द्वारा मैं आपको विश्व के प्राचीन इतिहास से जुड़ी कुछ संक्षेप जानकारियां उपलब्ध कराऊंगा कि प्राचीन विश्व के सप्त द्वीपों के नाम जम्बूद्वीप के नौ खंड और भारतवर्ष के नौ खंडों को किस नाम से जाना जाता था। आइए प्रारंभ करें।

पहले धरती के सात द्वीप थे- 
•जम्बू
•प्लक्ष
•शाल्मली
•कुश
•क्रौंच
•शाक एवं 
•पुष्कर। 
इसमें से जम्बूद्वीप सभी के बीचोबीच स्थित है। राजा प्रियव्रत संपूर्ण धरती के और राजा अग्नीन्ध्र सिर्फ जम्बूद्वीप के राजा थे। 

जम्बूद्वीप में नौ खंड हैं- 
•इलावृत
•भद्राश्व
•किंपुरुष
•भारत
•हरि
•केतुमाल
•रम्यक
•कुरु और 
हिरण्यमय
इसमें से भारतखंड को भारत वर्ष कहा जाता था। 

भारतवर्ष के नौ खंड हैं- इनमें 
•इन्द्रद्वीप
•कसेरु
•ताम्रपर्ण
•गभस्तिमान
•नागद्वीप
•सौम्य
•गन्धर्व और 
वारुण
तथा यह समुद्र से घिरा हुआ द्वीप उनमें नौवां है। भारतवर्ष के इतिहास को ही हिन्दू धर्म का इतिहास नहीं समझना चाहिए।

ईस्वी सदी की शुरुआत में जब अखंड भारत से अलग दुनिया के अन्य हिस्सों में लोग पढ़ना-लिखना और सभ्य होना सीख रहे थे, तो दूसरी ओर भारत में विक्रमादित्य, पाणीनी, चाणक्य जैसे विद्वान व्याकरण और अर्थशास्त्र की नई इमारत खड़ी कर रहे थे। इसके बाद आर्यभट्ट, वराहमिहिर जैसे विद्वान अंतरिक्ष की खाक छान रहे थे। वसुबंधु, धर्मपाल, सुविष्णु, असंग, धर्मकीर्ति, शांतारक्षिता, नागार्जुन, आर्यदेव, पद्मसंभव जैसे लोग उन विश्वविद्यालय में पढ़ते थे जो सिर्फ भारत में ही थे। तक्षशिला, विक्रमशिला, नालंदा आदि अनेक विश्व विद्यालयों में देश विदेश के लोग पढ़ने आते थे।
तो यदि आप सनातनी हैं तो गर्व कीजिए कि आप एक महान विरासत का हिस्सा हैं, अपने धर्मग्रंथो का अध्ययन कीजिये और उनके ज्ञान से स्वयं को उन्नत और श्रेष्ठ बनाइयेI और यदि आप सनातनी नहीं भी हैं तब भी हर मनुष्य को स्वयं को अच्छाई की और ले जाने का जन्मजात हक हैI आइये और हिंदुत्व की महान विरासत से अद्भुत ज्ञान से अपने जीवन का निर्माण करें। 🚩🚩

#TheEraOfRevolution

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